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पहलगाम में शिव ने छोड़ा था अपना वाहन नंदी
अमरनाथ यात्रा जिस पहलगाम से शुरू होती है,
उसके बारे में पौराणिक मान्यता है
कि देवी पार्वती को अमरकथा सुनाते वक्त
भगवान शिव ने अपने वाहन नंदी को इस स्थान
पर छोड़ा था. पहलगाम से 16 किमी दूर है चंदनवाड़ी. कहते हैं
कि इसी जगह भगवान शिव ने अपनी जटा से
चंद्रमा को अलग किया था, जिससे इस जगह
का नाम पड़ा चंदनवाड़ी. चंदनवाड़ी से 16
किलोमीटर दूर है शेषनाग, जहां शिव ने
त्यागा गले का 'हार'. यहां महादेव ने अपने गले के हार शेषनाग को छोड़ दिया था. शेषनाग से 4.6 किमी आगे है महागुण पर्वत.
महागुण पर्वत पर शिव ने रोका गणेश को.
पौराणिक मान्यता है कि महादेव ने अपने बेटे
गणेश को इसी स्थान पर ठहरने का आदेश
दिया था. महागुण पर्वत से 6 किमी दूर है पंचतरनी.
मान्यता है कि यहां आकर भगवान शिव ने
पंचमहाभूतों यानी धरती, अग्नि, जल, वायु और
आकाश को खुद से अलग कर दिया था. और सबसे
मुक्त होकर भगवान शिव पहुंचे थे इस निर्जन
गुफ़ा में, जहां उन्होंने देवी पार्वती को सुनाई थी आलौकिक अमरकथा.
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