Apr 24, 2013

हवन में घी की आहूति क्यों डाली जाती है?

 
हवन में घी की आहूति क्यों डाली जाती है?

हवन से मन को शांति मिलती है साथ ही चारों ओर का वातावण सकारात्मकता ऊर्जा व सुगंध से भर जाता है। हवन में अग्रि जलाकर उसमें घी की आहूति देने की परंपरा हमारे यहां वैदिक काल से ही चली आ रही है। कहते हैं अग्रि में डाला हुआ पदार्थ कभी नष्ट नहीं होता है। उदाहरण के लिए स्थुल मिर्च को यदि हवन में आहूति के रूप में डालेंगे तो। दूर-दूर तक बैठे लोग इससे परेशान हो जाएंगे। मतलब अग्रि का काम स्थूल वस्तु को तोड़कर सूक्ष्म कर देना है।

यज्ञ करते समय अग्रि में घी डाला जाता है। माना जाता है कि वह घी कभी नष्ट नहीं होता है। स्थुल घी परमाणुओं में बदल जाता है। घी की आहूति देने से एक कटोरी घी परमाणुओं में बदलकर पूरे वातावरण में फैल जाता है।

मनु ने ठीक कहा है आग में डालने से हवि सुक्ष्म होकर सूर्य तक फैल जाती है। हवन में घी के साथ अनेक जड़ी-बूटियां भी डाली जाती है। वैज्ञानिक मान्यता है घी की जड़ी-बूटियों के साथ आहूति देने पर सुक्ष्म परमाणुओं में विभक्त होने पर इनका औषधीय गुण बढ़ जाता है। आयुर्वेद व होम्योपेथी में भी इस सिध्दांत को माना गया है। इसीलिए हवन में घी की आहूति दी जाती है।

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