गाय का घी(देशी भारतीय नस्ल की गौ माता ) गाय के घी को अमृत कहा गया है।
जो जवानी को कायम
रखते हुए, बुढ़ापे को दूर रखता है। काली गाय का घी खाने से
बूढ़ा व्यक्ति भी जवान जैसा हो जाता है। गाय के घी से
बेहतर कोई दूसरी चीज नहीं है।
दो बूंद देसी ग ाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ढीक
होता है।
सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के
घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक
हो जायेगा।
नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तारो ताजा हो जाता है।
गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक
शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश
करें जलन ढीक होता है। 20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे
का नशा कम हो जाता है।
फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
गाय के घी की झाती पर मालिश करने से बच्चो के बलगम
को बहार निकालने मे सहायक होता है।
सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे
उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम
हो जायेगा।
अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक
चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व
कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और
चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है।
यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल
नहीं बढ़ता है। वजन संतुलित होता है यानी के कमजोर
व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे
व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।
गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है। देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक
क्षमता होती है।
इसके सेवन से स्तन तथा आंत के
खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।
गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और
इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से
रोकता है। गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बहार निकल कर
चेतना वापस लोट आती है।
गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार
होता है।
गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।
गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन
के ठीक हो जाता है
गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।
विशेष :-स्वस्थ व्यक्ति भी हर रोज नियमित रूप से
सोने से पहले दोनों नशिकाओं में हल्का गर्म (गुनगुना ) देसी गाय का घी डालिए ,गहरी नींद आएगी, खराटे बंद
होंगे और अनेको अनेक बीमारियों से
छुटकारा भी मिलेगा।
आर्यावर्त भरतखण्ड संस्कृति
आर्यावर्त भरतखण्ड संस्कृति
जो जवानी को कायम
रखते हुए, बुढ़ापे को दूर रखता है। काली गाय का घी खाने से
बूढ़ा व्यक्ति भी जवान जैसा हो जाता है। गाय के घी से
बेहतर कोई दूसरी चीज नहीं है।
दो बूंद देसी ग ाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ढीक
होता है।
सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के
घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक
हो जायेगा।
नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तारो ताजा हो जाता है।
गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक
शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश
करें जलन ढीक होता है। 20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे
का नशा कम हो जाता है।
फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
गाय के घी की झाती पर मालिश करने से बच्चो के बलगम
को बहार निकालने मे सहायक होता है।
सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे
उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम
हो जायेगा।
अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक
चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व
कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और
चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है।
यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल
नहीं बढ़ता है। वजन संतुलित होता है यानी के कमजोर
व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे
व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।
गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है। देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक
क्षमता होती है।
इसके सेवन से स्तन तथा आंत के
खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।
गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और
इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से
रोकता है। गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बहार निकल कर
चेतना वापस लोट आती है।
गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार
होता है।
गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।
गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन
के ठीक हो जाता है
गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।
विशेष :-स्वस्थ व्यक्ति भी हर रोज नियमित रूप से
सोने से पहले दोनों नशिकाओं में हल्का गर्म (गुनगुना ) देसी गाय का घी डालिए ,गहरी नींद आएगी, खराटे बंद
होंगे और अनेको अनेक बीमारियों से
छुटकारा भी मिलेगा।
आर्यावर्त भरतखण्ड संस्कृति
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