May 6, 2013

नवरात्र का समय माता की भक्ति के लिए श्रेष्ठ समय


नवरात्र का समय माता की भक्ति के लिए श्रेष्ठ समय माना गया है। इन दिनों मां दुर्गा की भक्ति करने वाले श्रद्धालु की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। यहां अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए अलग-अलग उपाय बताए जा रहे हैं। इन्हें अपनाने वाले व्यक्ति को जल्द ही सकारात्मक फल होते हैं, ऐसी मान्यता है-

सुंदर रूप की प्राप्ति हेतु- दुर्गाजी को शहद को भोग लगाने से भक्त को सुंदर रूप प्राप्त होता है एवं त्वचा की रंगत निखरती है। इस प्रयोग को विशेष रूप से नवरात्र में करना चाहिए।

व्यापार उन्नति हेतु- कारोबार में प्रगति करने हेतु नवरात्र के शनिवार को सूर्योदय के पहले पीपल के ग्यारह पत्तें लेकर उन पर राम नाम लिखें। फिर इन पत्तों की माला बनाकर हनुमानजी को पहना दें। इस प्रयोग को गुप्त रखे।

व्यापारिक यात्रा सफलता हेतु- कारोबारी यात्रा को सफल बनाने हेतु कुछ रूपए गुप्त स्थान पर रख दें। इसके बाद यात्रा पर जाएं। यात्रा से आने के बाद इसी धन से गरीब को भोजन करा दें।

सभी परेशानियों के नाश हेतु- नवरात्र में माता दुर्गा को मालपुओं का भोग लगाने से एवं रात को मालपुओं से हवन करने से माता की प्रसन्नता प्राप्त होती है। सभी विघ्रों का नाश होता हैं।

बच्चों के बुद्धि विकास हेतु- छोटे अथवा मध्यम आयु के बच्चों की बुद्धि विकास हेतु उनसे माता दुर्गा को केले का भोग लगवाएं एवं उन्ही केलों को बालकों को सेवन करवाएं इससे उनकी बुद्धि का विकास होता है।

हर कार्य में सफलता के लिए- प्रत्येक कार्य में सफलता के लिए नवरात्र में प्रात: श्रीरामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने से हर कार्य को सफलता पूर्वक करने की शक्ति मिलती है। बाधाएं समाप्त होती हैं।

नौकरी पाने हेतु- नवरात्र में रोजाना शाम को अथवा रात को रामचरित मानस के अतंर्गत सुंदरकांड का पाठ करने से कुछ ही दिनों में बेहतरीन नौकरी की प्राप्ति होती है एवं व्यापार में वृद्धि होती हैं।

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