भारत में भी 500 और 1000 के नोट क्यों बंद कर दिए जाने चाहिये ?????
अपराधियों और ड्रग माफिया की वजह से अपराध और महगाई से परेशान अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन ने बिना पूर्व सूचना के ही 14 जुलाई 1969 की रात को ही 500/1000/5000/10000/100,000 डालर के भारी नोटों बंद करने की घोषणा कर दी और नागरिको को इन नोटों को ट्रेजरी में वापस करने के लिए 15 दिन का समय दे दिया और साथ ही बैंको पर कड़ी निगरानी लगा दी ....
उसी रात से ही माफिया अपंग हो गए और खतम भी हो गए......
क्यों ??.......
क्योकि उन्होंने बड़ी नोटों को अपने पास कोठरियों में जमा कर रखा था. इसी कार्यवाही के बाद अमेरिका जो ऊपर उठा आजतक नंबर 1 रहा है और उसने अपनी सबसे बड़ी नोट 100 डालर ही रखा है.
भारत जहा पर 80% लोगो की कमाई रोजाना 20/- से कम है, 100/500/1000 रुपये की नोटों को कोई आवश्यकता ही नहीं है . ये नोट अपराधियों और माफियाओ की ताकत बनकर उनकी कोठरियों में जमा है जहा से अपराध और महगाई को ताकत मिल रही है. भारत सरकार को 50/- रुपये से बड़े नोटों को निक्सन की तरह ही बिना पूर्व सुचना के रात में बंद करने की घोषणा कर देना चाहिए , यह देश हित में सबसे बड़ा कदम होगा...
अपराधियों और ड्रग माफिया की वजह से अपराध और महगाई से परेशान अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन ने बिना पूर्व सूचना के ही 14 जुलाई 1969 की रात को ही 500/1000/5000/10000/100,000 डालर के भारी नोटों बंद करने की घोषणा कर दी और नागरिको को इन नोटों को ट्रेजरी में वापस करने के लिए 15 दिन का समय दे दिया और साथ ही बैंको पर कड़ी निगरानी लगा दी ....
उसी रात से ही माफिया अपंग हो गए और खतम भी हो गए......
क्यों ??.......
क्योकि उन्होंने बड़ी नोटों को अपने पास कोठरियों में जमा कर रखा था. इसी कार्यवाही के बाद अमेरिका जो ऊपर उठा आजतक नंबर 1 रहा है और उसने अपनी सबसे बड़ी नोट 100 डालर ही रखा है.
भारत जहा पर 80% लोगो की कमाई रोजाना 20/- से कम है, 100/500/1000 रुपये की नोटों को कोई आवश्यकता ही नहीं है . ये नोट अपराधियों और माफियाओ की ताकत बनकर उनकी कोठरियों में जमा है जहा से अपराध और महगाई को ताकत मिल रही है. भारत सरकार को 50/- रुपये से बड़े नोटों को निक्सन की तरह ही बिना पूर्व सुचना के रात में बंद करने की घोषणा कर देना चाहिए , यह देश हित में सबसे बड़ा कदम होगा...
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