Jul 23, 2014

घाघ और भड्डरी की कहावतें

घाघ और भड्डरी की कहावतें

आपने चाणक्य नीति तो पढ़ी होगी। इस पुस्तक में उसी की तरह नीति सम्बन्धी कहावतें दी गई है। कुछ कहावतें कृषि से भी सम्बंधित है. सभी का हिन्दी में अनुवाद किया गया है।
ये सभी कहावतें उत्तर भारत में खूब प्रचलित है। ये कहावतें ज्ञान से भरपूर है। ये इंसान को जीवन में सफलता प्राप्त करने में बहुत सहयोग करती है।

उदहारणदेखिये:


जो उधार लेकर कर्ज देता है, जो छप्पर के घर में में ताला लगता है और जो साले के साथ बहिन को भेजता है , घाघ कहते है कि इन तीनो का मुंह काला होता है।

या

हंसकर बात करने वाला ठाकुर(कोतवाल) और खांसने वाला चोर, घाघ कहते है कि इन ससुरो को गहरे पानी में डुबो देना चाहिए।


जो उधार लेकर कर्ज देता है, जो छप्पर के घर में में ताला लगता है और जो साले के साथ बहिन को भेजता है , घाघ कहते है कि इन तीनो का मुंह काला होता है।






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1 comments:

  1. घाध भड्डर ऋषि के वंशज थे।उन्होने उनकी संस्कृत कहावतों को लोकभाषा में प्रस्तुत किया।उन्हीं के नाम से।अपने नाम से भी।वे भृगु नंस जोश ल्डरी ब्राहमण थे।उनकी जाति के लोग ज्योतिष का कार्य और ग्रहो शनि आदि का दान लेते है तीर्थो में दर्शन कराते हैं।

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